गुजरात के एक शख्स को तीन साल जेल में सिर्फ़ इसलिए रहना पड़ा क्योंकि जेल अधिकारी को मेल में अटैच्ड बेल ऑर्डर को खोलते नहीं आता था।
जेल अधिकारियों ने दावा किया कि COVID-19 महामारी के कारण आवश्यक कार्रवाई नहीं की जा सकी और हालांकि उन्हें ईमेल प्राप्त हुआ था, मगर वो मेल के अटैचमेंट को खोलने में असमर्थ थे।
गुजरात हाई कोर्ट ने कहा है कि जमानत मिलने के बावजूद लगभग तीन साल जेल में बिताने वाले कैदी की दुर्दशा को ध्यान में रखते हुए उसे एक लाख रुपये मुआवजा देने का ऑर्डर पास किया है।
अदालत ने जेल अधिकारियों की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया है और राज्य को “गंभीर चूक” के लिए 14 दिनों की अवधि के भीतर ₹1 लाख का मुआवजा देने का निर्देश दिया है।
Source: barandbench